Monthly Archives: December 2019

पैसा और क़िरदार

इंसान पैसे से सामान ख़रीद सकता है सलीक़ा नहीं. …………. देखा जाए तो पैसा मेहनत और बरक़त से ले कर कमीनेपन और वसीयत तक के कई तरीकों से एक शख़्स के पास आ सकता है. और पैसा हमेशा लायक़ी या … Continue reading

Posted in A Person's Musings, A Trainer's Diary, An Entrepreneur's Journey | Leave a comment

सच कड़वा नहीं होता है

“सच कड़वा होता है” – ज़रूर ये बात किसी सच्चे आदमी ने नहीं, किसी कड़वे आदमी ने कही होगी. …………….. दरअसल सच न कड़वा होता है और ना मीठा. सच सिर्फ…’सच्चा’ होता है. वो तो लोग उसे जिस तरह कहते … Continue reading

Posted in A Person's Musings, A Trainer's Diary, An Entrepreneur's Journey | Leave a comment

आप इंसान हैं आख़िर

कभी कभी चीज़ें ग़लत हो जाती हैं. खुद को इल्ज़ाम देना बंद कीजिये.    …………… हर काम में कई पहलू एक साथ आते हैं. सब पर ना तो आपका काबू हो सकता है और ना ही आपकी समझ. ऐसे में कभी … Continue reading

Posted in A Person's Musings, A Trainer's Diary, An Entrepreneur's Journey | Leave a comment

काम का रियाज़

आप जो भी काम करते हों, रोज़ उसका रियाज़ ज़रूर किया करें. …………… रियाज़ से मेरा मतलब है अपने काम पर काम करना – उसे एक ‘ठोस सतह देने के लिए’ और ‘नए आयाम देने के लिए’. जी हां! ये … Continue reading

Posted in A Person's Musings, A Trainer's Diary, An Entrepreneur's Journey | Leave a comment

हौसला और सवाल

अगर आपका हौसला चंद सवालों से टूट जाता है तो दरअसल वो…हौसला था ही नहीं. …………. अच्छे लोगों को अपनी नाज़ुक-मिज़ाजी को अपनी कमज़ोरी नहीं बनने देना चाहिए. भला इतनी भी क्या नज़ाक़त कि किसी ने थोड़ा पूछ लिया…थोड़ा छान … Continue reading

Posted in A Person's Musings, A Trainer's Diary, An Entrepreneur's Journey | Leave a comment

‘ख़्वाब’ की शक्ल

जब आखों में ख़्वाब हों तो अक्सर नज़र कमज़ोर हो जाया करती है. …………. जब कोई चीज़, शख्स या मक़सद ‘ख़्वाब’ की शक्ल ले ले तो हमारा नज़रिया पूरी तरह बदल जाता है. आखिर ख़्वाब की कशिश ही निराली होती … Continue reading

Posted in A Person's Musings, A Trainer's Diary, An Entrepreneur's Journey | Leave a comment

बाद की बेहतरी

अगर आज मुश्किल फैसले ले लिए जाएं तो कल के मुश्किल हालात टाले जा सकते हैं. ………… अधिकतर लोग ‘बाद की बेहतरी’ के बजाए ‘आज की आसानी’ चुनते हैं, और फिर ये उम्मीद करते हैं कि आने वाला कल बढ़िया … Continue reading

Posted in A Person's Musings, A Trainer's Diary, An Entrepreneur's Journey | Leave a comment