Category Archives: An Entrepreneur’s Journey

आपकी सबसे बड़ी ग़लती

अपनी ग़लतियों के लिए दूसरों को ज़िम्मेदार ठहराना आपकी सबसे बड़ी ग़लती है.   …………. “अगर उन्होंने साथ दिया होता तो…?”; “अगर उसने वैसा न किया होता तो…”; “अगर उस वक़्त ऐसा न हुआ होता तो…” – ये सब इंसान के … Continue reading

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तुझसे नाराज़ नहीं हैरान हूं मैं…

किसी से नाराज़ होने के लिए उसका नज़दीक होना ज़रुरी होता है.  …………. अब आप किस से नाराज़ होंगे! कोई इतना करीब है भी अब आप के? अरे जनाब, अब हर रिश्ता शर्तिया है – आप उन्हें अच्छा महसूस कराओ … Continue reading

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सुख-दुख का गणित

ये उम्मीद मत कीजिये कि दुख कम हो, ये कोशिश कीजिये कि उम्मीद कम हो. …………. इंसान की फ़ितरत है कि वो जिससे जुड़ता है उससे उम्मीद भी जोड़ने लगता है. भले ही वो कितना भी कह ले कि वो … Continue reading

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प्यार का इम्तिहां!

मुश्किल दौर में सामने वाले में आई कड़वाहट के बावजूद साथ बने रहना भी प्यार है. ……………. एक दूसरे को सहन करना और झेलना लगभग हर रिश्ते का अहम हिस्सा है. क्योंकि जब दोनों में से कोई एक तकलीफदेह वक़्त … Continue reading

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Losing what matters the most

When you lose trust in your closest people, it’s the biggest loss incurred. ………………… There are episodes in your life when you lose a lot, and that too in every sense. While most of what is lost can be quantified … Continue reading

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सब से आला जानवर

मैंने आज तक कभी एक गिलहरी को ज़िंदगी की कशमकश में दुखी होते नहीं देखा.     …………. मैंने आज तक कभी दो कुत्तों को फ़लसफ़ों पर जिरह करते हुए नहीं देखा, तीन बिल्लियों को रिश्तों के बेमानी होने का ज़िक्र करते … Continue reading

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असली ‘आप’

न आप जितना दिखाते हैं उतने अच्छे हैं न जितना सोचते हैं उतने बुरे.     …………. इंसान को उलझने का शौक होता है, उससे सीधी-सादी ज़िंदगी जीते नहीं बनता क्योंकि उसमें हर बाक़ी शय की तरह उसको अपनी हस्ती क़ुदरत में … Continue reading

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असली खेल!

खेल बिसात के इस तरफ भी चल रहा है – खिलाफ नहीं, अंदर.   …………. इस खेल में ज़्यादा पेंच हैं और बड़े पैंतरे – कुछ प्यादे हैं जो एक दिन राजा बनना चाहते हैं. वज़ीर राजा से क़ुरबत भी दिखाता … Continue reading

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ख़ास होने की खुजाल

हर आम इंसान में ख़ास होने की अच्छी ख़ासी खुजाल होती है.   …………. हरेक को शग़ल है औरों से कुछ अलग होने का, खुद को बेहतर साबित करने का, कुछ नया बनाने का, कुछ हट के करने का, आस पास … Continue reading

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Settle it now.

At some point, you have to begin to look at your compromises as your choices. ………………… There are times when you have to comply with the call of the circumstance, and make a choice that otherwise you wouldn’t have made. … Continue reading

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