Profile
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Dr. Sandeep Atre is a Counseling Psychologist (dratrecounsels.com) and an internationally recognized ‘Emotional & Social Intelligence’ Expert and Trainer.He is the Founder of Socialigence – a venture specializing in development of ‘Social & Emotional Intelligence’ through its e-learning course rooted in neuroscience & psychology (socialigence.net). He is also Co-Founder of CH EdgeMakers – a leading coaching group of Central India (ch-india.com).
He is author of two books related to his domain, namely – “Understanding Emotions Logically” and “Observing Nonverbal Behavior”; and third book on various aspects of life, named “Two Paras of Everyday Wisdom”. Moreover, the collection of his Nazms and Ghazals is published as a book titled “Baat Jazbaat Ki”.
In his career of more than two decades, he has trained professionals of more than 50 companies and thousands of individuals to ‘sort out’ and ‘excel in’ intrapersonal and interpersonal matters.
You can mail your responses to his blogs at: drsandeepatre@gmail.com
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Monthly Archives: June 2020
कल आज कल
जिन मसलों को सुलझाने में आप आज दुखी हैं उनमें से ज़्यादातर आपने ही कल पैदा किये थे. ……………. इंसान अपने बोये हुए गलत बीजों से दूर भले ही निकल आए, उनसे आई कांटों की फसलें हालात पर सवार हो … Continue reading
The Final Fun!
Final fun lies in facing your fears. ………………… Yup! There’s fun in lazing around with the TV on, or in dancing to the similar beats with the rehearsed (and still weird) moves, or listening to the so-called favorite song … Continue reading
फिर न कहना बताया नहीं!
किसी भी रिश्ते में इतना मत दीजिये कि आप अपने लिए बचे ही ना रहें. …………… जब वफ़ा शिद्दत पर होती है तो इंसान किसी फ़रिश्ते की मानिंद अपना ‘सब’ सामने वाले के सदक़े कर देता है. उस वक़्त तो … Continue reading
राज़ की बात…
जब किसी से ‘नाराज़’ हो जाएं तो उसके ‘राज़’ ना ज़ाहिर करें – यक़ीं की रुस्वाई होती है. …………… लोग भी बदलते हैं और लोगों के बीच के तअ’ल्लुक़ की तासीर भी. आज जो ‘पास और ख़ास’ हैं उनके बीच … Continue reading
ना-समझ-ना!
किसी अपने का ‘ना समझना’ किसी पराए की नासमझी से ज़्यादा दुख देता है. …………… इंसान को जितना ग़म नुक़सान से होता है उससे ज़्यादा ग़म होता है उम्मीद के टूटने से. और हममें से तक़रीबन हर शख़्स सारी समझदारी … Continue reading
ख़ज़ाने की खोज!
कभी कभी आपको लगता है कि आपने ज़िंदगी में कुछ भी सही नहीं किया. ………….. आपने ऐसा कोई काम नहीं किया जिसका ‘हासिल’ जुड़ कर किसी दिन एक ‘फल देने वाला’ मुकम्मल दरख़्त बने, आपने ऐसे कोई रिश्ते नहीं बनाए … Continue reading
छोटे बड़े लोग!
बड़े शहरों की बड़ी इमारतों में कई लोग रहते हैं अपनी छोटी आखों में बड़े सपने लिए. ………….. इनमें से अधिकतर उन जगहों से आए थे जो छोटी पड़ गई थीं या तो इनके बड़े ख़्वाबों के लिए या इनकी … Continue reading