Profile
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Dr. Sandeep Atre is a Counseling Psychologist (dratrecounsels.com) and an internationally recognized ‘Emotional & Social Intelligence’ Expert and Trainer.He is the Founder of Socialigence – a venture specializing in development of ‘Social & Emotional Intelligence’ through its e-learning course rooted in neuroscience & psychology (socialigence.net). He is also Co-Founder of CH EdgeMakers – a leading coaching group of Central India (ch-india.com).
He is author of two books related to his domain, namely – “Understanding Emotions Logically” and “Observing Nonverbal Behavior”; and third book on various aspects of life, named “Two Paras of Everyday Wisdom”. Moreover, the collection of his Nazms and Ghazals is published as a book titled “Baat Jazbaat Ki”.
In his career of more than two decades, he has trained professionals of more than 50 companies and thousands of individuals to ‘sort out’ and ‘excel in’ intrapersonal and interpersonal matters.
You can mail your responses to his blogs at: drsandeepatre@gmail.com
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Monthly Archives: May 2020
सफ़र सिफ़र से!
जब ये सोचें कि आप ‘कहां तक पहुंचे’ तो ये भी याद रखिये कि ‘कहां से शुरु हुए थे’. ………….. इंसान को अपने तय किये गए का सफ़र का एहसास रहना चाहिए, वरना वो हर कुछ वक़्त में रास्ते पर … Continue reading
अपने हक़ में
जो कहते हैं कि आपके मुश्किल वक़्त में आपका साथ देंगे, उनमें से ज़्यादातर उस वक़्त आपका साथ… नहीं देंगे. ……………… और ऐसा नहीं है कि उन्होंने आपसे झूठ कहा था. जब उन्होंने ये कहा था तब दरअसल वो भी … Continue reading
मर्ज़ी के मरीज़!
आप कौन सा काम करते हैं वो शायद आपके हाथ में ना हो पर उसे कैसे करते हैं ये हमेशा आपके हाथ में होता है. …………….. हर शख़्स चाहता है कि उसे अपनी मर्ज़ी का काम मिले – वो काम … Continue reading
सुख का सवाल!
सुख एक सहज अनुभूति है, अपनी बौद्धिक खुजाल से उसे एक जटिल प्रक्रिया मत बनाइये. …………….. ज़िंदगी क्या है? हम यहां क्यों हैं? ‘ये’ वैसा क्यों नहीं? रिश्तों के क्या मायने हैं? क्या सही है? क्या गलत है? – ऐसे … Continue reading
नज़र लग जाती है!
अक्सर नज़र में आने की कोशिश में जो ज़्यादा अहम है वो नज़रअंदाज़ होने लगता है. …………….. लोगों की दिक़्क़त ये है कि वो औरों का ध्यान खींचने और उनकी निगाह में आने के चक्कर में धीरे धीरे अपना ‘सत’ … Continue reading
सीधी सच्ची बात!
कभी कभी बात के पीछे के जज़्बात इतना हावी हो जाते हैं कि बात तो पहुंच ही नहीं पाती. …………….. जी हां! अपनी बात किसी अपने को कभी यूं ही कह दिया कीजिये ना! – बिना प्यार की चाशनी … Continue reading
On International Day of Families! :-)
जो परिवार किसी एक शख्स की कोशिशों या क़ुर्बानियों पर खड़ा हो वो आगे पीछे बिखर ही जाता है. …………….. जी हां, एक घर…एक परिवार बनाना एक साझा ज़िम्मेदारी होती है. पर अक़्सर कोई एक शख़्स परिवार को जोड़े रखने … Continue reading
Bills to be paid!
If you don’t feel like working, remind yourself that there are ‘bills to be paid’. ………………… I am a great proponent of working with ‘inspiration’, however no one can depend entirely on inspiration for work, sometimes a healthy proportion … Continue reading
Happy Mother’s Day!
The best gift you can give to your ‘mother’ is to let her be a ‘woman’ as well. ………………… She did not realize when she began being more of a mother and less of a woman. Now, it’s up to … Continue reading
अजीब से दायरे!
अपनी ज़िंदगी पर अपनी पकड़ मज़बूत करने की कोशिश शुरु कीजिये. ……………. हम अक्सर एक अजीब से दायरे में फंस जाते हैं. अपना हर दिन पिछले दिन की तरह ही जीते हैं – उसी तरह शुरु करते हैं, उसी तरह … Continue reading