Profile
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Dr. Sandeep Atre is a Counseling Psychologist (dratrecounsels.com) and an internationally recognized ‘Emotional & Social Intelligence’ Expert and Trainer.He is the Founder of Socialigence – a venture specializing in development of ‘Social & Emotional Intelligence’ through its e-learning course rooted in neuroscience & psychology (socialigence.net). He is also Co-Founder of CH EdgeMakers – a leading coaching group of Central India (ch-india.com).
He is author of two books related to his domain, namely – “Understanding Emotions Logically” and “Observing Nonverbal Behavior”; and third book on various aspects of life, named “Two Paras of Everyday Wisdom”. Moreover, the collection of his Nazms and Ghazals is published as a book titled “Baat Jazbaat Ki”.
In his career of more than two decades, he has trained professionals of more than 50 companies and thousands of individuals to ‘sort out’ and ‘excel in’ intrapersonal and interpersonal matters.
You can mail your responses to his blogs at: drsandeepatre@gmail.com
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Monthly Archives: April 2020
हँसता-गाता ऋषि!
ताज्जुब है कैसे एक शख़्स आपके ज़हन में ‘जवानी और रवानी’ का निशाँ बन जाता है! …………… आप उसे जब से देखते आए हैं हमेशा हंसते-खेलते देखते आए हैं – नाचते-गाते हुए, इश्क़ में पड़ते हुए, प्यार जताते हुए! मुस्कराहट … Continue reading
‘इरफ़ानी’ होने की कोशिश…
कुछ लोग आपके कुछ नहीं लगते पर उनका जाना बहुत दुख देता है. …………. उस शख्स को तो पता भी नहीं कि आप कौन हैं, या आप हैं भी! और आप भी उससे कभी नहीं मिले होते. अरे मिलना तो … Continue reading
अच्छाई की अदा! :-)
अच्छा होने का एक नुकसान ये है कि कुछ लोग आपको नादान मान लेते हैं. ………….. दुनिया में आपको सब तरह के लोग मिलते हैं. होते हैं सभी अच्छे-बुरे का मेल-जोल, पर हरेक में आपको इन दोनों का अलग अलग … Continue reading
बदला
कभी कभी आप उन सब से बदला लेना चाहते हैं ………… जिन्होंने आपका यक़ीन तोड़ा…जिन्होंने आपको अकेला छोड़ा, जिन्होंने आपको तकलीफ पहुंचाई…जिन्होंने आपसे गलतियां कराई, जिन्होंने आपका मज़ाक़ उड़ाया…जिन्होंने आपका फायदा उठाया, जिन्होंने आपकी मेहनत का फल छीना…जिन्होंने हमेशा मुश्किल … Continue reading
कमज़ोर साथ
किसी का साथ देना हो तो कमज़ोरी बन कर नहीं ताक़त बन कर दीजिये. ………… कुछ लोग हर सुख-दुख में हमेशा आपके साथ होते हैं. वो इतना ज़्यादा जुड़े होते हैं कि आपके हर जज़्बाती बदलाव के साथ चढ़ते उतरते … Continue reading
मुश्किल वक़्त
मुश्किल वक़्त में खुद को गौर से देखिये. अपने बारे में बहुत कुछ पता चलेगा. ………… मैं यहां मुश्किल वक़्त में आपके पहले बरताव की बात नहीं कर रहा – आप कितना घबराते हैं, कितनी नाउम्मीदी महसूस करते हैं, कितना … Continue reading
मूसलों से मशवरा
ऐसा नहीं कि लोगों में ‘हौसला’ नहीं होता, दरअसल लोगों से ‘फैसला’ नहीं होता. …………. आप लोगों से बड़ी बड़ी बातें बुलवा लो, ऊंचे ऊंचे ख्वाब दिखवा लो, मुश्किल मुश्किल सवाल पुछवा लो, भारी भारी इरादे करवा लो, अच्छी अच्छी … Continue reading
वक़्त बेवक़्त!
आप लाख कोशिश कर लें पर गुज़रा हुआ वक़्त वापस नहीं ला सकते. …………. जी हां, न पैसे न पहचान से…न मेहनत से न मान से – आप किसी भी तरह से खोये लम्हे नहीं पा सकते. एक बार जो … Continue reading
साथ की रोशनी
साथ चलने से रास्ता आसान नहीं होता पर कम से कम सुनसान नहीं रहता. …………. ज़िंदगी में कोई एक दूसरे के दुख की वजह कम नहीं कर सकता पर दुख का एहसास ज़रुर घटा सकता है. इसके लिए कई बार … Continue reading
बेवक़ूफ़ी और बेबसी!
बेवक़ूफ़ी का इलाज हक़ीम लुक़मान के पास भी नहीं था. ……….. एक तो बेवक़ूफ़ एक बार में बात नहीं मानते. और जब फिर दो-चार बार कहो तो आधी बात मानते हैं, वो भी वह आधी बात जिसको मानना उन्हें आसान … Continue reading